गर्मी के मौसम में होने वाली घमौरी (हीट रैश) एक आम समस्या है यह बच्चे बड़े और बूढ़े किसी को भी हो सकती है। जिससे व्यक्ति की स्किन पर छोटे – छोटे लाल रंग के दाने निकल आते हैं इससे खुजली और जलन की समस्या होने लगती है यह अक्सर रोम छिद्रों के बंद हो जाने के कारण एवं अधिक पसीना होने के कारण होती है। तो आज हम इसके लक्षण और घमौरी से बचने के उपाय के बारे में चर्चा करेंगे।

घमौरी के कारण:
अत्यधिक पसीना आना: गर्मी के मौसम में पसीना अत्यधिक मात्रा में होता है इस कारण से रोम चित्र बंद हो जाते हैं और घमौरी होने का कारण बन जाता है जिससे पसीना बाहर नहीं निकल पाता और त्वचा पर छोटे-छोटे दाने आ जाते हैं।
टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहनना: टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहनने से पसीना अधिक आता है और हवा का प्रवाह रुक जाता है जिसके कारण पसीना सूख नहीं पाता एवं स्किन को सांस लेने में परेशानी होने की वजह से स्क्रीन पर रैशेज हो जाते हैं।
गर्मी एवं उमस से भरा वातावरण: गर्मी एवं उमस से भरे वातावरण में रहने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे की त्वचा पर रेसेस या दाने निकालना, पानी की कमी, सांस लेने में तकलीफ आदि।
कुछ दवाएं: कुछ दवाई ऐसी भी होती हैं जो पसीने को रोकने वाली होती हैं, बॉडी टेंपरेचर को बढ़ाने वाली होती हैं। इससे शरीर की गर्मी बढ़ जाती है इसलिए दवाएं भी घमौरियों का कारण बन सकती हैं।
अधिक समय तक बिस्तर पर रहना: खासकर किसी बीमारी या आलस के कारण अधिक समय तक बिस्तर पर पड़े रहने से पसीने निकलने वाली ग्रंथियां बंद हो जाती हैं और घमौरी की संभावना अधिक हो जाती है।
गर्मी में पहनने वाले कपड़ों से संबंधित सुझाव: गर्मी के मौसम में सूती कपड़े पहने यह कपड़े पसीने को सोख कर हवा को अंदर जाने में मदद करते हैं जिससे शरीर को ठंडक मिलती है। इस मौसम में टाइट कपड़े पहनने के बजाय ढीले कपड़े पहनें इससे शरीर में बराबर हवा का प्रवेश होता रहता है। गर्मी के लिए हल्के रंग के कपड़ों का चुनाव करें हल्के रंग गर्मी को अवशोषित नहीं करते जिसके कारण शरीर ठंडा रहता है।
घमौरियों के लक्षण: लाल या गुलाबी रंग के छोटे-छोटे दाने: अधिकतर पीठ, कमर, कोहनी के बीच में अक्सर होते हैं क्योंकि यह जगह कपड़ों से ढकी होती है।
खुजली और जलन होना: घमौरी वाले स्थान पर खुजली और जलन होने लगती है जितना ज्यादा पसीना होता है यह समस्या उतनी ही अधिक बढ़ने लगती है।
त्वचा पर चुभन का एहसास: घमौरी होने पर त्वचा पर कांटों की तरह चुभन महसूस होती है अधिक गर्मी एवं ज्यादा पसीने के कारण यह समस्या बढ़ सकती है।
त्वचा पर लाल चकत्ते: घमौरी के अधिक बढ़ जाने से छोटे-छोटे दाने एक साथ जुड़कर त्वचा पर लाल चकत्तों का रूप ले लेते हैं और जब शरीर से अधिक पसीना निकलता है तब यह बहुत ज्यादा तकलीफ देते हैं।
सूजन और दाने फूटने का खतरा: घमौरी वाले स्थान पर नाखून से खुजली नहीं करना चाहिए इससे त्वचा पर सूजन आ सकती है और दाने फूटने से समस्या बढ़ सकती है।
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घमौरियों से बचाव के उपाय:
गर्मियों में अक्सर त्वचा पर घमौरियों की समस्या हो जाती है, लेकिन सही देखभाल और कुछ घरेलू उपायों से इससे आसानी से बचा जा सकता है। इस ब्लॉग में हमने घमौरियों से बचाव के उपाय बताए हैं, जिनमें 10 असरदार घरेलू टिप्स शामिल हैं, जो आपको घमौरियों से राहत दिलाने में मदद करेंगे:
हल्के एवं आरामदायक कपड़े पहनना: हल्के और आरामदायक सूती कपड़े पहनने से हवा का प्रवाह अच्छा रहता है और यह पसीने को तुरंत सोख लेते हैं।
ठंडा स्थान पर रहे: गर्मी के मौसम में जितना हो सके खुली और ठंडी जगह पर रहें। गर्मी में और उमस वाली जगह पर रहने से बचें। दोपहर के समय में घर के अंदर या हवादार एवं ठंडे स्थान पर रहें।
स्वच्छता का अधिक ध्यान रखें: इस मौसम में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि गर्मी के कारण पसीना अधिक होता है और यह शरीर पर जमा हो जाता है और इससे स्मेल एवं चिपचिपापन महसूस होता है इसलिए प्रतिदिन स्नान करें एवं अपनी त्वचा को साफ रखें।
नहाने के बाद पाउडर का उपयोग करें: प्रतिदिन नहाने के बाद एंटीसेप्टिक पाउडर या टैल्कम पाउडर पूरे शरीर पर लगाएं। ये पाउडर पसीने को सोख कर त्वचा को सूखा रखते हैं जिससे शरीर में ठंडक बनी रहती है एवं घमौरी के चांसेस कम होते हैं।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: इस मौसम में शरीर को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है इसलिए पूरा दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं जिससे कि शरीर हाइड्रेट रहे और पसीना कम हो।
एलोवेरा जेल का उपयोग करें: जो कि इस प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होता है। घमौरी वाले स्थान पर इसे लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और खुजली की समस्या भी कम होती है।
मुल्तानी मिट्टी का उपयोग करें: मुल्तानी मिट्टी में एंटी माइक्रोबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो फंगल, वायरस एवं बैक्टीरिया को होने से रोकते हैं। इस मिट्टी को गुलाब जल में मिलाकर लगाने से त्वचा को ठंडक मिलती है और घमौरी के दाने कम होने लगते हैं।
नीम की पत्तियों का उपयोग: नीम की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो स्किन इन्फेक्शन को रोकते हैं इसलिए नीम की पत्तियों को थोड़ी देर पानी में उबाल लें। इसके बाद इस पानी से स्नान करें या इसकी पत्तियों का पेस्ट भी लगा सकते हैं। इससे घमौरी वाले स्थान को ठंडक मिलती है और घमौरिया ठीक हो जाती है।
चंदन पाउडर का उपयोग करें: चंदन में एंटी माइक्रोबैक्टीरियल गुण होते हैं, इसके कारण यह घमौरी वाले बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता करता है। चंदन पाउडर में गुलाब जल मिलाकर इस लेप को त्वचा पर लगाएं, 10 से 15 मिनट बाद ठंडे पानी से इसको धो लें। यह जलन और खुजली से आराम दिलाने में सहायक होता है।
दही का इस्तेमाल: दही में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं इसलिए घमौरी वाले बैक्टीरिया से लड़ने के लिए दही का उपयोग लाभदायक होता है। दही को घमौरी वाले स्थान पर लगा लें फिर 10 से 15 मिनट बाद धो लें। इसे प्रतिदिन दिन में एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं।
खीरे का उपयोग: खीरा घमौरी के लिए रामबाण इलाज माना जाता है। खीरे में ठंडक होने के कारण यह जलन एवं खुजली को शांत करता है। खीरे के पतले टुकड़े काट कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रखें, फिर इस टुकड़े को प्रभावित स्थान पर थोड़ी देर रखें या फिर इसका पेस्ट बनाकर भी लगा सकते हैं। यह उपाय आप दिन में एक या दो बार कर सकते हैं।
आंवला का उपयोग: आंवला में घमौरी के बैक्टीरिया को रोकने यानी कि एंटीमाइक्रोबॉयल गुण होते हैं इसलिए घमौरी के दौरान होने वाले इन्फेक्शन को रोकने में आंवला काफी मदद करता है। एक आंवला को काट कर रात भर पानी में भिगो दें, सुबह इसका मिश्रण तैयार करके छान लें और इस पानी को पिएं। इसकी खटास कम करने के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं। इस पानी को दिन में एक बार पी सकते हैं यह घमौरी से बचने के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

घमौरियों से बचाव के लिए अन्य उपाय भी आजमाए जा सकते हैं:
- कच्चे आम का लेप
- नारियल तेल और कपूर की मालिश
- तुलसी का लेप
- बेकिंग सोडा
- बर्फ के टुकड़े

निष्कर्ष:
घमौरी की समस्या गर्मी में किसी को भी हो सकती है इसलिए ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं। इन उपायों के द्वारा आप अपनी त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं लेकिन यदि यह सब करने के बाद भी कोई समस्या दिखे या फिर संक्रमण का खतरा हो तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
FAQs
घमौरियों को जड़ से खत्म कैसे करें?
घमौरियों को जड़ से खत्म करने के लिए एलोवेरा जेल लेकर हल्के हाथों से प्रभावित स्थान पर मसाज करें। यह जेल बैक्टीरिया को खत्म करके इस समस्या से राहत दिला सकता है।
घमौरी कितने दिनों तक रहती है?
घमौरी 2 से 3 सप्ताह तक रह सकती है।
घमौरी के लिए कौन सा पाउडर अच्छा होता है?
रिसर्च के अनुसार चंदन पाउडर में एनाल्जेसिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो दर्द को कम कर सकते हैं इसलिए घमौरी के लिए चंदन का पाउडर सबसे अच्छा होता है।
घमौरी के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है?
नारियल तेल इस्तेमाल करना सबसे अच्छा होता है क्योंकि इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो घमौरी से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।
घमौरी हटाने का घरेलू तरीका क्या है?
घमौरियों से आराम पाने के लिए दही, लस्सी, छाछ, कच्चे आम का पाना, यह मौसमी फल-सब्जियों का सेवन करें। मुल्तानी मिट्टी, ओटमील, आलू, एलोवेरा एवं दही आदि का पेस्ट त्वचा पर लगाएं।