साबूदाना खिचड़ी एक प्रकार का स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है जिसे उपवास के दौरान सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला व्यंजन माना जाता है। यह उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में नाश्ते के रूप में भी खाया जाता है। यह बहुत जल्दी और आसानी से बनने वाला नाश्ता है जो कि स्वादिष्ट होने के साथ-साथ हेल्दी भी होता है।

साबूदाना खिचड़ी खाने के फायदे
साबूदाना खिचड़ी खाने के बहुत से फायदे होते हैं। इसमें बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं पौष्टिक साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि और साबूदाना खिचड़ी खाने के फायदे :
एनर्जी से भरपूर: साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत माना जाता है, जिससे हमें तुरंत ऊर्जा मिलती है। इसमें कैल्शियम, आयरन और थायमिन पाए जाते हैं, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
पचाने में आसान: साबूदाना पाचन के लिए अच्छा होता है। यह बहुत आसानी से पच जाता है और पेट की कई प्रकार की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
प्रोटीन का स्रोत: इसमें प्रोटीन और फाइबर मौजूद होते हैं, जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं।
व्रत के लिए उपयुक्त व्यंजन: यह उपवास के लिए सबसे अच्छा व्यंजन है। इसे व्रत के दौरान खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह आसानी से बनाया जा सकता है।
साबूदाना खिचड़ी बनाने की सामग्री
- 1/3 कप साबूदाना
- 1 आलू कटे हुए (उबले या फिर कच्चे)
- 3 बड़े चम्मच मूंगफली भुनी हुई
- 1 टी स्पून जीरा
- 1-2 बारीक कटी हुई हरी मिर्च
- 8-10 करी पत्ते
- 1/2 टी स्पून नींबू का रस
- 2 बड़े चम्मच घी या तेल
- बारीक कटी हुई हरी धनिया
- सेंधा नमक स्वादानुसार

साबूदाना खिचड़ी बनाने की विधि
- साबूदाना खिचड़ी बनाने से 6-7 घंटे पहले पानी डालकर भिगो दें।
- पानी डालते समय ध्यान रखें कि पानी ज्यादा न हो, बस इतना कि साबूदाना अच्छे से फूल जाए। यदि आप सुबह बनाना चाहते हैं तो ओवरनाइट भी भिगो सकते हैं।
- एक कढ़ाई में 2 बड़े चम्मच घी डालें। घी गर्म होने पर उसमें जीरा डालें। फिर कटी हुई हरी मिर्च और करी पत्ते डाल दें।
- जब मिर्च और पत्ते भुन जाएं, तब उसमें आलू डाल दें। अगर आलू कच्चे हैं तो ढककर पकाएं। यदि उबले हुए हैं तो हल्का सा भून लें।
- अच्छे से भुन जाने के बाद उसमें साबूदाना डालें। साबूदाना डालने के बाद धीमी आंच पर ढककर पकाएं और फिर नमक डालें। चमचे से मिलाते रहें जब तक साबूदाना पारदर्शी न हो जाए।
- अंत में कुटी हुई मूंगफली, हरी धनिया, नींबू का रस डालकर सर्व करें।
साबूदाना खीर

साबूदाना खीर बनाने के लिए ज्यादा सामग्री की जरूरत नहीं होती यहाँ हम आपको साबूदाना खीर बनाने की सामग्री और साबूदाना खीर की रेसिपी के बारे में विस्तार से बताएँगे:
साबूदाना खीर की सामग्री:
- थोड़ा दूध
- शक्कर
- इलायची पाउडर
- थोड़े से ड्राय फ्रूट्स
- साबूदाना
साबूदाना खीर की रेसिपी
- एक पैन में दूध डालकर उबालें।
- जब उबाल आ जाए तो उसमें साबूदाना डालें और धीमी आंच पर 4-5 मिनट तक पकाएं।
- फिर उसमें शक्कर, इलायची पाउडर और बारीक कटे हुए मेवे डालें और 2 मिनट तक पकाएं।
- अब यह खीर सर्व करने के लिए तैयार है।
एक्स्ट्रा टिप्स:
- साबूदाना 4-5 घंटे पहले भिगोकर रखें।
- दूध में साबूदाना डालने के बाद लगातार चलाते रहें।
- खीर को थोड़ा ठंडा होने के बाद ही परोसें।
साबूदाना वड़ा की रेसिपी

व्रत के लिए बताई गई सामग्री से आप साबूदाना वड़ा भी बना सकते हैं। क्रिस्पी और हल्का साबूदाना वड़ा की रेसिपी:
- भीगे हुए साबूदाना में मैश किए हुए आलू, हरी धनिया, दरदरी पिसी हुई मूंगफली, सेंधा नमक, नींबू आदि अच्छे से मिक्स करके डो तैयार करें।
- फिर छोटे-छोटे बॉल्स बनाकर टिक्की का आकार दें।
- तवे पर घी लगाकर सेंक लें या डीप फ्राई करें—जैसा पसंद हो।
- इसे आप चटनी या चाय के साथ परोस सकते हैं।

निष्कर्ष
साबूदाना में मिनरल्स और विटामिन्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं और भी बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे कि कैल्शियम, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, और पोटैशियम आदि। इसलिए यह सभी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होता है। साबूदाना खिचड़ी सिर्फ उपवास के लिए ही नहीं, बल्कि नाश्ते में भी लिया जाता है। यह बहुत कम सामग्री और बहुत कम समय में बनने वाला स्वादिष्ट और स्वस्थ नाश्ता है। तो इसे खाने के लिए आपको व्रत रखने की जरूरत नहीं है, इसे आप बिना किसी मौके के कभी भी बनाकर खा सकते हैं। तो देर किस बात की? अब से आप इसे नाश्ते में ज़रूर बनाएं और इसके स्वादिष्ट और सेहतमंद गुणों का लाभ उठाएं। धन्यवाद!
साबूदाना की तासीर ठंडी होती है, या गरम?
साबूदाना की तासीर ठंडी होती है, इसीलिए यह व्रत के दौरान अधिक खाया जाता है, क्योंकि व्रत रखने के समय पेट की गर्मी बढ़ जाती है। इसलिए व्रत में साबूदाना का सेवन करना फायदेमंद होता है।
साबूदाने की खीर कब बनानी चाहिए?
साबूदाने की खीर सुबह नाश्ते के समय खानी चाहिए क्योंकि इस खीर के सेवन से शरीर को पूरे दिन के लिए एनर्जी मिलती है और पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है।
साबूदाना दूध में मिलाकर खाने से क्या फायदे हैं?
साबूदाना दूध में मिलाकर खाने से वजन तेजी से बढ़ता है और शरीर की कमजोरी भी दूर होती है।
क्या गर्भावस्था में साबूदाना खाना चाहिए?
हाँ, गर्भावस्था में साबूदाना खाना चाहिए क्योंकि इसमें ऐसे तत्व होते हैं, जैसे कि आयरन, विटामिन बी, कैल्शियम, फाइबर, फोलेट आदि।
क्या साबूदाना खाने से कब्ज हो सकती है?
नहीं, साबूदाना खाने से कब्ज की समस्या दूर होती है, किन्तु अधिक मात्रा में साबूदाना खाने से कब्ज़ हो सकता है।
साबूदाना खिचड़ी को चिपचिपा व्यंजन बनने से कैसे बचाएं?
साबूदाना खिचड़ी को चिपचिपा बनने से बचाने के लिए उसमें नींबू का रस और भुनी हुई मूंगफली को दरदरा करके मिला सकते हैं। इससे साबूदाना चिपकेगा नहीं और खिचड़ी खिली-खिली बनेगी।