आप घर पर कम जगह में या गमले में एलोवेरा को बहुत ही आसान तरीके से उगा सकते हैं , यह एक औषधिये पौधा है, यह त्वचा और सेहत दोनों के लिए लाभकारी है। वैसे तो इसको ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है, लेकिन अगर अच्छी और सही देखभाल की जाये तो यह बहुत जल्दी तैयार हो जाता है। तो घर पर एलोवेरा कैसे उगाएं और एलोवेरा की देखभाल कैसे करे इसी के बारे में अब हम अपने इस एलोवेरा गार्डनिंग ब्लॉग में डिटेल में बताने का प्रयास करेंगे –
सही गमले का चुनाव-
इसको लगाते समय हमें पहले गमले का चयन करना जरुरी होता है क्योंकि किसी भी गमले में लगा देने से ये पौधा खराब हो सकता है इसलिए इस पौधे को लगाने के लिए मिटटी के गमले का प्रयोग करना अच्छा होता है क्योंकि मिटटी के गमले में पानी को सोख लेते हैं इसलिए नमी कम हो जाती है और इसके जड़ सड़ने से बच जाती है।
अच्छी मिटटी का चयन-
एलोवेरा को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है इसलिए इसके लिए रेत मिकस मिट्टी का उपयोग करना उपयुक्त होता है क्योकि इस प्रकार की मिटटी से अतिरिक्त पानी आसानी से निकल जाता है।
खाद और पोषण की जानकारी-
वैसे तो इस पौधे को खाद की आवश्यकता नहीं होती है इसे केवल मिटटी में भी लागा सकते हैं लेकिन यदि कभी-कभी थोड़ा खाद या पोषण दे दिया जाये तो इसकी ग्रोथ बहुत अच्छी हो जाती है लेकिन इसमें डालने के लिए फॉस्फोरस की आधिक मात्रा वाली खाद का ही उपयोग करना चाहिए।
एलोवेरा लगाने का मौसम –
इस पौधे को अत्यधिक गर्मी के मौसम में नहीं लगाना चाहिए इसे ठंडी के मौसम या मानसून में लगायें तभी आपके पौधे का विकास अच्छे तरीके से हो पायेगा।
एलोवेरा लगाने का तरीका: घर पर एलोवेरा कैसे उगाएं?
घर पर एलोवेरा के पौधे को 3 प्रकार से उगाया जा सकता है:
- पत्तियों के टुकड़े करके,
- जोड़ों के द्वारा, और
- छोटे-छोटे पौधों के द्वारा।

इनकी पत्तियों को काटकर भी लगाया जा सकता है। एलोवेरा की पत्तियों के निचले हिस्से को मिट्टी में अच्छी तरह से दबा दें और थोड़ा पानी डालकर छोड़ दें। जिस गमले में पौधा लगाया जाए, उसमें छेद होना चाहिए, क्योंकि पानी जमा होने से पौधा सड़ सकता है। शुरुआत में कुछ दिनों तक पौधे को छाया में रखें। जब इसमें नई पत्तियां निकलने लगें, तो इसे धूप में रख सकते हैं।
कीड़ों और रोगों से बचाव:
वैसे तो एलोवेरा के पौधे पर कीड़े बहुत कम लगते हैं मगर पत्तियां पीली हो सकती हैं या फिर गलने लगती है तो इसका कारण पानी की अधिक मात्रा हो सकती है इसलिए इसकी पत्तियों पर पानी स्प्रे करके साफ कर सकते हैं इसके लिए किसी कीटाणु नाशक की जरूरत नहीं होती है।
एलोवेरा के फायदे: एलोवेरा गार्डिंग के फायदे

एलोवेरा के बहुत सारे औषधीय लाभ होने के साथ-साथ इसको लकी प्लांट भी माना जाता है। इसलिए इसको घर में लगाना शुभ माना जाता है। तो आइये इसके कुछ लाभों के बारे में चर्चा करते हैं जो की निम्नलिखित हैं:
- इसके जेल का प्रयोग करके त्वचा संबंधित रोगों को ठीक किया जा सकता है।
- इसके जेल को आंखों के नीचे लगाने से डार्क सर्कल कम होता है।
- इसके जेल को प्राकृतिक मॉइश्चराइजर के रूप में यूज़ किया जा सकता है।
- एलोवेरा के जेल को बालों में लगाने से बाल स्वस्थ और रेशमी हो जाते हैं।
- इसके पौधे से वायु शुद्धिकरण भी होता है।
निष्कर्ष:
एलोवेरा एक आसानी से उगाया जाने वाला पौधा है थोड़ी सी देखभाल से यह सालों साल हरा भरा बना रहता है और इसको हम प्राकृतिक तरीके से भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो आप भी इस पौधे को अपने घर में उगाई और अपने घर को हरा भरा बनाएं।
FAQs
एलोवेरा के पौधे में कितनी बार पानी डालना चाहिए?
एलोवेरा के पौधे में हर दो सप्ताह में एक बार ही पानी देना चाहिए जब तक मिटटी अच्छी तरह से सूख न जाए तब
तक पानी नहीं डालना चाहिए।
एलोवेरा को लगभग कितने धूप की आवश्यकता होती है?
एलोवेरा के पौधे को प्रत्येक दिन काम से कम 4 से 5 घंटे की धूप की आवश्यकता होती है लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि डायरेक्ट धूप ना हो।
एलोवेरा के पौधे में फूल कब आता है?
जब तक एलोवेरा के पौधे परिपक्व नहीं हो जाते तब तक उसमें फूल नहीं आता अर्थात लगभग तीन-चार साल बाद ही उसमें फूल आता है।
एलोवेरा के पौधे में चीनी का पानी डाल सकते हैं?
चीनी का पानी एलोवेरा को पुनः जीवन देने का काम कर सकता है इसलिए अगर पौधा मुरझाया हो तो उसे चीनी के पानी में डालने से पोषक तत्वों की आपूर्ति हो जाती है।
एलोवेरा में फूल आना लकी होता है?
इस पौधे को औषधि गुना के साथ-साथ सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक स्वरूप भी माना जाता है।
एलोवेरा को और किस नाम से जाना जाता है?
एलोवेरा को हिंदी में घृतकुमारी भी कहते हैं जिसका तेल और रस भी मिलता है यह एक औषधीय पौधा है।