गिलोय के चमत्कारी फायदे

गिलोय के चमत्कारी फायदे: 7 प्रमुख लाभ और इस आयुर्वेदिक अमृत की पूरी जानकारी

गिलोय, जिसे आयुर्वेद में गुडूची भी कहा जाता है, एक बहुवर्षीय बेल है जो भारत में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है। यह बेल नीम, आम या अन्य पेड़ों पर चढ़ती है। इसकी पत्तियाँ पान के पत्तों की तरह होती हैं। आयुर्वेद में इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली सबसे प्रभावी औषधियों में से एक माना जाता है।

गिलोय के फायदे

गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy):

इम्युनिटी बूस्टर: गिलोय हमारे शरीर के भीतर रोग‌ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करने का काम करता है, जिससे हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने में सहायता मिलती है।

बुखार में लाभकारी: डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार में गिलोय का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। यह बुखार को कम करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है।

डायबिटीज कंट्रोल करता है: गिलोय का उपयोग करने से इंसुलिन का उत्पादन बेहतर होता है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होता है।

पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद: गिलोय कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी परेशानियों को दूर करता है। यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है।

सांध्य रोग और एलर्जी में राहत: गिलोय सांस की एलर्जी, खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों में आराम देता है।

तनाव और चिंता को कम करता है: यह एक नैचुरल एडाप्टोजेन है जो दिमाग की चिंता (मानसिक तनाव) को कम करता है और नींद बहुत अच्छी आती है।

गिलोय का उपयोग कैसे करें? (How to use Giloy)

  • गिलोय जूस: सुबह खाली पेट एक कप गिलोय जूस पीना लाभकारी होता है।
  • गिलोय का काढ़ा: तुलसी, अदरक और काली मिर्च के साथ अच्छी तरह उबालकर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है।
  • गिलोय टैबलेट्स / कैप्सूल्स: बाजार में भी उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर लिया जा सकता है।

गिलोय की पहचान कैसे करें? (How to Identify Giloy Plant):

गिलोय की बेल अक्सर नीम या आम के पेड़ पर चढ़ी होती है। इनकी पहचान यह है कि इसके तने पर हल्के दाग होते हैं और इनकी पत्तियाँ पान जैसी होती हैं। नीम पर चढ़ी गिलोय सबसे ज्यादा असरदार होती है।

गिलोय लेने से पहले सावधानियाँ:

  • गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं या कोई गंभीर बीमारी वाले लोग गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
  • ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कब्ज या हाइपोग्लाइसीमिया की परेशानी हो सकती है।

निष्कर्ष:

 गिलोय एक अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे “अमृता” कहा जाता है। इसके नियमित सेवन से अनेकों रोगों से बचा जा सकता है और पूरे स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। लेकिन किसी भी औषधि का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

FAQs

क्या गिलोय रोज ले सकते हैं?

हाँ, लेकिन एक सीमित मात्रा में और किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह के हिसाब से।

क्या गिलोय बच्चों को दे सकते हैं?

छोटे बच्चों को देने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

क्या गिलोय वजन कम करने में मदद करता है?

गिलोय मेटाबॉलिज्म को सही करता है जिससे वजन घटने में मदद मिलती है।

क्या गिलोय और अश्वगंधा को एक साथ लिया जा सकता है?

हाँ, दोनों आयुर्वेदिक हर्ब्स हैं और इसे साथ में लेने से इम्युनिटी और मानसिक स्वास्थ्य में काफी हद तक सुधार होता है।

बाजार में कौन सा गिलोय जूस बेहतर है?

पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ आदि ब्रांड्स के गिलोय जूस विश्वसनीय होते हैं। लेकिन हमेशा लेबल और एक्सपायरी डेट देखकर ही लें।

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