स्तन कैंसर का खतरा? ये लक्षण दिखते ही तुरंत करें ये उपाय, नहीं तो बढ़ सकता है जोखिम!
जब महिलाओं के ब्रेस्ट सेल्स अधिक बढ़ जाते हैं तब कैंसर की शुरुआत होती है। स्तन की कोशिकाओं का नियंत्रण से अधिक होना ही ब्रेस्ट कैंसर अर्थात स्तन कैंसर कर कारण बनता है, ये कोशिकाएं ट्यूमर बनकर गांठ के रूप में महसूस होती हैं। सही समय पर इलाज कर इसके खतरे से बचा जा सकता है तो लिए हम इस ब्लॉग में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे और उससे बचाव के बारे में जानकारी देते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के कारण:
- व्यायाम की कमी
- वजन बढ़ना
- शराब का ज्यादा सेवन
- धूम्रपान करना
- स्तनपान न कराना
- असंतुलित आहार
- हार्मोन का असंतुलन
- उम्र का बढ़ना
- पारिवारिक (अनुवांशिक ) कारण
व्यायाम की कमी:
जो महिलाएं रोजाना व्यायाम करती हैं उनमे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काम रहता है क्यूंकि व्यायाम करने से वजन नियंत्रित रहता है सक्रिय रहने से एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है जिसके कारण स्तन कैंसर से बचा जा सकता है और व्यायाम की कमी होने पर या काम व्यायाम करने पर एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है और स्तन कैंसर होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
स्तनपान न कराना:
महिलाओं द्वारा बच्चों को स्तनपान न कराना भी ब्रैस्ट कैंसर का कारण बन सकता है। स्तन पान कराने से हार्मोन संतुलित रहते हैं जिससे स्तन कैंसर की सम्भावना भी कम रहती है।
स्वस्थ आहार की कमी:
अधिक जंकफूड का सेवन भी कैंसर के खतरे को बड़ा सकता है इसलिए हमें हरी साग सब्जियां और फलों का सेवन जरूर करना चाहिए भोजन में स्वस्थ आहार को शामिल करके ब्रैस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
शराब और धूम्रपान करना:
महिलाओं द्वारा शराब पीने और धूम्रपान करने से कैंसर का खतरा अधिक बढ़ सकता है।
पारिवारिक कारण (अनुवांशिक कारण):
ब्रेस्ट कैंसर का एक मुख्य कारण अनुवांशिक कारण भी हो सकता है कुछ बीमारियां पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती रहती हैं उसके परिवार में यदि पहले किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ रहता है तो इस बीमारी का होना संभव हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
तो इस ब्लॉक के द्वारा हम कुछ ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि बीमारी का लक्षण पता होने पर हम उसका इलाज समय पर कर सकते हैं और इससे बच सकते हैं:
- ब्रेस्ट में दर्द या गांठ का होना
- लाल रंग के चकतों का दिखाना
- ब्रेस्ट में खुजली होना
- बगल में सूजन होना
- आकार मे परिवर्तन
- निप्पल से पिले पानी का रिसाव
ब्रेस्ट में दर्द या गांठ का होना:
स्तनों का नियमित रूप से जांच कराना चाहिए इसमें किसी प्रकार का दर्द या गांठ महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
आकार में परिवर्तन
स्तन में किसी भी प्रकार का परिवर्तन दिखने पर जैसे की साइज का छोटा या बड़ा होना या निप्पल का अंदर की ओर होना इस प्रकार का कोई भी संकेत नजर आए तो चिकित्सक से सलाह लेना अनिवार्य है।
लाल रंग के चकक्तों का दिखाना
ब्रेस्ट के आसपास अगर लाल रंग के चक्कते या दाने दिख रहे हो तो इसका इलाज करवायें, यह जरूरी नहीं है कि यह ब्रेस्ट कैंसर ही हो यह एक सामान्य दाने भी हो सकते हैं लेकिन जांच अवश्य करवानी चाहिए।
बगल में सूजन होना
सूजन होना भी इस बीमारी का संकेत हो सकता है इसलिए बगल में सूजन या गांठ महसूस होने पर उसे नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
ब्रेस्ट में खुजली होना
यदि ब्रेस्ट में लगातार खुजली हो रही हो तो इसको इगनोर ना करें यह भी एक लक्षण हो सकता है। किसी भी प्रकार का परिवर्तन नजर आने पर उसकी जांच अवश्य करवा ले ताकि समय पर इसका इलाज हो सके।
निप्पल से पीला पानी आना
निप्पल से पीले पानी का आना कोई बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है या हार्मोनल परिवर्तन भी हो सकता है क्योंकि किसी बीमारी का कारण तभी पता चलता है जब उसकी सही समय पर जांच करवाई जाए इसलिए जांच करवाना और चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है इससे समय पर इलाज कराया जा सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय
इस बीमारी से बचने के लिए आवश्यक है सही समय पर उपचार इसका पता लगना और उपचार कराना तुरंत इलाज करवा के इस बीमारी से बचा जा सकता है इसलिए इसे बचाने की कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिसकी जानकारी से आप इस बीमारी की संभावना को काफी हद तक कम कर सकते हैं:
- रोजाना एक्सरसाइज करना
- वजन को नियंत्रित रखना
- स्तन का नियमित रूप से जांच कराना और चिकित्सा की सलाह लेना
- धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना
- अधिक उम्र होने पर गर्भ निरोधक दवाओं से बचाना
- ब्रेस्ट कैंसर डिडक्ट होने पर समय पर कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी कराना
निष्कर्ष:
महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना आवश्यक है ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है किंतु इसका समय पर उपचार करके इसको ठीक किया जा सकता है इसलिए नियमित रूप से जांच कराना आवश्यक होता है क्योंकि बीमारी की जानकारी होने पर ही इसका समय पर इलाज किया जा सकता है।
FAQs
क्या तनाव भी निप्पल रिसाव का कारण हो सकता है?
शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन होता है जिसके ज्यादा बढ़ जाने पर भी निप्पल से रिसाव हो सकता है यह हार्मोन स्तनपान के लिए जिम्मेदार है इसीलिए तनाव में भी निप्पल रिसाव हो सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर को कैसे पहचाने?
यदि स्तन के आसपास आपको सूजन दर्द या गांठ पता चले तो यह इस बीमारी का प्रथम स्टेज हो सकता है इसीलिए इस प्रकार के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए समय पर उपचार करवाने से बीमारी खत्म होने की संभावना बढ़ जाती है।