दुधी घास, (Euphorbia hirta) छोटी दूधी या दूधिया घास एक प्रकार की जड़ी बूटी है। जिसका प्रयोग प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में किया जाता है। यह आमतौर पर खेतों में बगीचों में अपने आप उगने वाली वनस्पति है जिसे तोड़ने पर दूध जैसा पदार्थ निकलता है इसीलिए इसे दूथी-घास कहते हैं। इसमें बहुत-से औषधीच गुण पाए जाते हैं पर जानकारी न होने पे लोग इसे जंगली घास समझते हैं।
दूधी घास के फायदे (Benefits of dudhi grass):
दूधी घास के कई चमत्कारी फायदे हैं आयुर्वेद में इसका उपयोग कई प्रकार से बताया गया है जो विभिन्न बिमारियों को ठीक करने में किया जाता है। दूधी घास के सेवन के फायदे (Dudhi ghas ke fayde in hindi):
दूधी घास अस्थमा के रोगियों के लिए (Dudhi ghas for asthma patients):
दूधी घास को Asthma Plant भी कहा जाता है क्यूंकि यह जड़ी-बूटी अस्थमा के रोगियों के लिए रामबाण है इसका जूस या काढ़ा बना के पीने पर अस्थमा और खांसी में बहुत आराम मिलता है।
सांस की बीमारियों में लाभकारी:
- सर्दी-खांसी के इलाज में दूधी घास का प्रयोग किया जाता है अस्थ
- मा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में भी दूधी घास से इलाज होता है।
- यह सांस की नली को साफ करता है और जकड़न कम करके बलगम बाहर निकाल देता है।
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद:
- यह घास डाइजेसन पेट दर्द और डायरिया जैसी बिमारी में फायदेमंद होती है।
- लगातार दस्त और आंब, पेचिश को रोकने में मदद करती है।
त्वचा रोगों में उपयोगी (Dudhi ghas for Skin Care):
- दूधी घास का लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से एक्जिमा, फोड़े-फुंसी और घाव जल्दी भर जाते है।
- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे लाभकारी गुण होते हैं, जो जलन और खुजली को कम करते हैं।
बावासीर में बेहद लाभकारी:
- रोज सुबह खाली पेट गाय के दूध के साथ इसका एक कटोरी जूस निकालकर पीने से बवासीर जड़ से खत्म हो सकता है।
- सिर्फ 21 दिनों तक पीएं फायदा आपके सामने होगा।
मधुमेह में सहायक (Dudhi ghas for diabetes):
- कुछ शोधो के हिसाब से दूधी घास डायबिटीज को नियंत्रित करती है।
- यह इंसुलिन की प्रभाव शक्ति को बढ़ता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है:
- इसमें एंटी ऑक्सीडेंट होते है जो हमारी शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
- यह हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदत करता है।

दूधी घास के नुकसान:
अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक:
- दूधी घास का बहुत ज्यादा उपयोग करने से उलटी, दस्त, पेट दर्द जैसी परेशानियाँ हो सकती है।
- बहुत ज्यादा सेवन से शरीर में जलन की स्थिती बन सकती है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए असुरक्षित:
गर्भवती महिलाओं को दूधी घास का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह घास गर्भाशय को संकुचित कर सकती है।
एलर्जी का खतरा:
सबकी स्किन एक जैसी नहीं होती कुछ लोगों को इस घास से एलर्जी हो सकती है जिससे खुजलाहट और लाल धब्बे पड़ सकते हैं।
निम्न रक्तचाप वाले लोगों के लिए हानिकारक:
यह घास रक्तचाप को कम कर सकती है। जिससे कम ब्लड प्रेशर की परेशानी हो सकती है।
दूधी घास के घरेलू उपाय:
खांसी और अस्थमा में उपयोगी:
दूधी घास को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर और शहद के साथ मिला कर खाने से बहुत फायदा मिलता है।
पाचन संबंधी समस्याओं के लिए उपयोग:
दूधी घास को थोड़ा-सा पानी में उबालकर छान कर पीने से पेट दर्द और दस्त को आराम मिलता है।
त्वचा रोगों के लिए उपयोग:
त्वचा रोगों में दूधी घास को पीस कर लगाने पे जलन और खुजली से आराम मिलता है।
मधुमेह नियंत्रण के लिए उपयोग:
दूधी घास को चाय में उबालकर सुबह खाली पेट पीने से डायबिटीज कंट्रोल होता है।
निष्कर्ष:
दूधी घास एक बहुत गुणकारी जड़ी-बूटी है, जो कई प्रकार के लाभ प्रदान करती है। लेकिन इसे सीमित मात्रा में और सही सही तरीके से उपयोग करें, यदि आपको कोई गंभीर बिमारी हो तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है नहीं तो परेशानी हो सकती। क्या आपने भी दूघी घास का उपयोग किया है? अपने अनुभव हमें कमेंट में बताएं।
FAQs
क्या दूधी घास रोजाना सेवन की जा सकती है?
नहीं, इसे सीमित मात्रा में ही उपयोग करें अधिक मात्रा में उपयोग करने से नुकसान हो सकता है।
क्या दूधी घास का सेवन बच्चे कर सकते हैं?
नहीं, पहले डॉक्टर से सलाह लें फिर सेवन करें यदि डॉक्टर मना कर रहे हैं तो बिलकुल न करें।
क्या दूधी घास बाजार में आसानी से मिल सकती है?
हाँ, यह घास आयुर्वेदिक दवा की दुकानों और हर्बल स्टोर्स पे दूधी घास पाउडर, टेबलेट या जूस के रूप में मिल जाएगी।
क्या दूधी घास से वजन कम किया जा सकता है?
नहीं, इसे वजन कम करने के लिए विशेष रूप से नहीं लिया जाता यह मेटाबॉलिज्म को शरीर में बढ़ाने में मदद करता है।
दूधी घास का पाउडर कैसे बनाएं?
दूधी घास को अधिक समय तक उपयोग करने के लिए इसको सूखा कर पाउडर बनाया जा सकता है जिसे आप नियंत्रित मात्रा में दूध के साथ या पानी में घोल कर ले सकते हैं.