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बुखार उतारने के उपाय: वायरल बुखार और मौसमी बुखार के कारण लक्षण और उपाय

बुखार शरीर की (immunity) इम्यूनिटी की एक नॉर्मल प्रक्रिया है। जो किसी भी प्रकार के वायरस के कारण, मच्छरों के काटने से, बैक्टीरिया और संक्रमण (वायरल इनफेक्शन) आदि से होता है। मौसमी बुखार अक्षर मौसम के बदलाव के कारण आते हैं और वायरल बुखार (viral fever) अक्सर वायरस के संक्रमण या कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण होता है। इस ब्लॉक में हम बुखार के कारण लक्षण और उसके घरेलू उपाय तथा उपचार पर विस्तार से बताएंगे।

Table of Contents

वायरल बुखार के कारण (Fever symptoms in Hindi):

  • वायरस के संक्रमण से वायरल बुखार होता है।
  • मच्छरों के काटने से भी वायरल बुखार हो सकता है इसमें कुछ मच्छर अधिक खतरनाक होते हैं जिनसे डेंगू और मलेरिया भी हो सकता है और इन सब की शुरुआत बुखार से ही होती है।
  • शहरों में अक्सर दूषित पानी आता है जिससे कई प्रकार के वायरल इंफेक्शन होते हैं इसलिए पानी को साफ करने के लिए उबालकर या RO वाटर फिल्टर के प्रयोग से साफ करके ही पीना चाहिए।
  • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी वायरल फीवर होने की संभावना बढ़ जाती है।

मौसमी बुखार के कारण:

मौसम में अचानक हुए बदलाव से तापमान में भी बदलाव आता है जिसके कारण मौसमी बुखार होता है या अक्सर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों या बच्चों में होता है। कभी-कभी दिन में गर्म और रात में ठंडी हवाएं मौसम को बहुत ठंडा या गर्म बना देती इस तरीके के मौसमी बदलाव के कारण मौसमी बुखार होता है।

कमजोर प्रतिरोधक क्षमता:

शरीर में पोषण की कमी के कारण व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाती जिसके कारण बाहरी संक्रमण आसानी से हो जाता है ऐसे व्यक्तियों को अक्सर शारीरिक थकावट और बुखार होता रहता है।

बुखार के लक्षण:

  • अक्सर हमारे शरीर का तापमान 98.6°F (37°C) – 100°F के बीच में रहता है यदि शरीर का तापमान इससे अधिक बढ़ जाए तो यह बुखार के लक्षण हो सकते हैं।
  • बुखार आने से शरीर में दर्द रहना, थकान लगना, सर में दर्द होना और कमजोरी महसूस होना आदि कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं।
  • मांसपेशियों और जोड़ों मैं दर्द भी शरीर के भीतर बुखार होने के लक्षण हो सकते हैं।
  • अचानक बहुत तेज ठंड लगना यह भी एक बुखार का लक्षण है यह अक्सर वायरल फीवर के समय होता है।
  • गले में खराश के साथ दर्द और खांसी-सर्दी बुखार के ही लक्षण हैं।
  • भूख न लगना, खाना अच्छा न लगना या फिर खाते समय उल्टी जैसा लगना भी बुखार का लक्षण हो सकता है, इस प्रकार के लक्षणों में शरीर के भीतर बुखार होता है इसके प्रत्यक्ष लक्षण नहीं दिखते इसलिए अधिक दिनों तक ऐसी समस्या होने पर हमें डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।
  • बच्चों में चिड़चिड़ापन और सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई दे तो समझ जाना चाहिए की बुखार के लक्षण है और अपने फैमिली डॉक्टर से उसके बारे में जरूर कंसल्ट करना चाहिए।

बुखार उतारने के घरेलू उपाय (Home remedies for fever):

भरपूर पानी पियें:

अक्सर बुखार आने पर शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर से पसीने भी निकलता है जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है इसलिए बुखार या वायरल इन्फेक्शन में पानी अधिक पीना चाहिए, आप चाहे तो पानी को गर्म करके ठंडा कर लें इससे पानी में मौजूद बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे और आप उस पानी को आराम से पी सकते हैं।

तुलसी और अदरक की चाय:

तुलसी के पत्तियों और अदरक को पानी में उबालकर पीना चाहिए इससे संक्रमण कम होता है।

ठंडे पानी की पत्ट्टी:

माथे पर ठंडे पानी की पट्टी भीगा कर रखें यह बुखार को तुरंत कम कर देता है।

नींबू और शहद का सेवन:

एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और शहद का घोल बनाकर पीना चाहिए या यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।

मेथी का पानी: 

रात में एक कटोरी में मेथी के बीज भिगोकर रख दें सुबह उसका पानी खाली पेट पी लें यह बुखार को कंट्रोल करता है।

हल्दी दूध:

रात में सोने से पहले गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पियें, इससे शरीर में दर्द और सूजन को आराम मिलता है।

चिरायता का उपयोग:

चिरायता एक प्रकार की जड़ी बूटी है इसमें एंटी-वायरल गुण होते हैं जो सर्दी खांसी, वायरल इनफेक्शन और बुखार के लिए बहुत फायदेमंद है। चिरायता की जड़ का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है यह स्वाद में कड़वा होता है इसलिए इसमें शहद मिला सकते हैं।

चिकित्सकीय उपचार और सावधानियां:

डॉक्टर से संपर्क करें:

  • यदि बुखार 102°F से ऊपर हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • तीन दिनों से अधिक समय तक बुखार शरीर में बना रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत या दर्द हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।

बुखार की दवाइयां

  • पेरासिटामोल जैसी एंटीपायरेटिक दवाइयां डॉक्टर की सलाह पर खाएं।
  • वायरल संक्रमण के लिए एंटीवायरस जैसी मेडिसिन लेनी चाहिए।

सावधानियां:

बुखार होने पर इन कुछ सावधानियों का विशेष ध्यान रखें:

  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें और गुनगुना पानी पियें। 
  • पानी या जूस ज्यादा पियें डिहाइड्रेशन नहीं होगा।
  • हल्का और स्वस्थ भोजन करें। 
  • स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  • अगर बुखार 2-3 दिनों से ज्यादा रहता है तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएँ।
  • घर पे थर्मामीटर रखें और समय समय पे बुखार की जाँच करते रहें।

निष्कर्ष:

बुखार हमारे शरीर की एक नॉर्मल प्रतिक्रिया है लेकिन इसे ध्यान ना देना हमारे लिए खतरनाक हो सकता है वायरल और मौसमी बुखार के लक्षणों को पहले पहचानें फिर उसका उचित उपचार करें और और उससे जुड़ी सावधानियां अपनाएं। घरेलु उपाय शुरुआत में काम कर सकते हैं लेकिन गंभीर स्थिति में दवाएं और डॉक्टर की सलाह जरुरी होती है। स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और स्वच्छता बनाए रखना संक्रमण से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है। धन्यवाद!

FAQs

क्या वायरल बुखार संक्रामक होता है?

हाँ, वायरल बुखार संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से या उसकी उपयोग की गई वस्तुओं को उपयोग करने से फैलता है।

बच्चों में बुखार का इलाज कैसे करें?

बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान दें और उन्हें अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ दें जैसे पानी जूस आदि और यदि बुखार अधिक तेज होता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और डॉक्टर की सलाह से ही कोई दवा दें।

क्या डेंगू और वायरल बुखार में फर्क है?

हाँ, डेंगू मच्छरों के काटने से फैलता है इसमें प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं जबकि वायरल बुखार संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है और सही एंटीबायोटिक लेने पर ठीक भी हो जाता है।

क्या बुखार के लिए घरेलू उपाय पर्याप्त है?

यदि बुखार हल्का है तो घरेलू उपाय काम करता है पर गंभीर मामलों में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

टाइफाइड बुखार के लक्षण क्या हैं?

टाइफाइड में अक्सर बुखार बहुत तेज़ आता है, कमजोरी महसूस होती है, भूख लगती है, और ज्यादा दस्त लग सकते हैं। कभी-कभी लाल चकत्ते (Red Spots) भी निकल सकते हैं।

मलेरिया कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या हैं?

मलेरिया मच्छरों के काटने से होता है, जिसमें ठंड लगकर बुखार आना, तेज़ सिरदर्द होना और कमजोरी भी लगती है। कभी-कभी पीलिया या एनीमिया के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

डेंगू बुखार के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

डेंगू में अक्सर तेज़ बुखार (104°F तक), बहुत अधिक कमजोरी महसूस होना, लाल चकत्ते दिखना, जोड़ों में दर्द और उल्टी भी हो सकती है। डेंगू वायरस से शरीर के श्वेत रक्त कोशिकाओं (White blood cells) का नाश होने लगता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर होने लगती है और शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरने लगती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

बुखार कम करने के घरेलू उपाय क्या हैं?

बुखार में आराम करना, गुनगुना पानी पीना, बुखार तेज़ होने पर सिर पर ठंडी पट्टी रखना, तुलसी-अदरक की चाय पीनी चाहिए। और अगर अगर बुखार 102°F से ऊपर जाए या फिर 2-3 दिनों से ज्यादा रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

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